हे कृषण-देश के वासियों
बतलाओ मुझे यह बात
नींद किस तरह आयी तुम्हे उस रात ?
उसकी वेदनाएं, उसकी चीत्कार
सहायता के लिए उसकी पुकार
सुनी नहीं तुमने या सुन ना चाही नहीं
अबला की चीखों ने क्या नहीं किया
तुम्हारे ज़मीरों पर कुठाराघात
नींद किस तरह आई तुम्हे उस रात ?
बहुत सहा उसने, बहुत लड़ा उसने
पर कहाँ तक और कब तक लडती वह
अंततः वह चल गयी, पर
छोड़ गयी अधूरे सपने और कुछ मर्मस्पर्शी तास्सुरात
और बहुत से उलझे हुए सवालात
सर्वप्रथम यह की नींद किस तरह आयी तुम्हे उस रात ?
हे कृषण-देश के वासियों
बतलाओ मुझे यह बात
नींद किस तरह आयी तुम्हे उस रात ?