Sunday 30 December 2012

Neend kis tarah aayee tumhe uss raat


उनसे क्या कहूं जिन्होंने वह ज़ुल्म किया। यह संबोधन उन सम्वेद्न्हीनों से है जिन्होंने 16 दिसम्बर को उस अबला की सहायता नहीं की।

हे कृषण-देश के वासियों 
बतलाओ मुझे यह बात
नींद किस तरह आयी तुम्हे उस रात ?

उसकी वेदनाएं, उसकी चीत्कार
सहायता के लिए उसकी पुकार 
सुनी नहीं तुमने या सुन ना  चाही नहीं
अबला की चीखों ने क्या नहीं किया
तुम्हारे ज़मीरों पर कुठाराघात
नींद किस तरह आई तुम्हे उस रात ?

बहुत सहा उसने, बहुत लड़ा उसने
पर कहाँ तक और कब तक लडती वह
अंततः वह चल गयी, पर
छोड़ गयी अधूरे सपने और कुछ मर्मस्पर्शी तास्सुरात
और बहुत से उलझे हुए सवालात
सर्वप्रथम यह की नींद किस तरह आयी तुम्हे उस रात ?

हे कृषण-देश के वासियों 
बतलाओ मुझे यह बात
नींद किस तरह आयी तुम्हे उस रात ?